यमुनोत्री में घमासान कांग्रेस से इस्तीफा देकर संजय डोभाल ने की बगावत, निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया ऐलान
(राजीव नौटियाल)
उत्तरकाशी: यमुनोत्री विधानसभा के सर्द मौसम में सियासी गलियारों में उथल-पुथल होने से राजनीति गरमा गई है जहां भाजपा ने सिटिंग विधायक केदार सिंह पर ही दांव खेला है वही कांग्रेस ने टिकट की उम्मीद लगाए पुराने कार्यकर्ता संजय डोभाल को टिकट न देकर हाल ही में शामिल हुए दीपक बिजल्वाण को टिकट देकर यमुनोत्री विधानसभा की राजनीति में घमासान मचा दिया।
कांग्रेस से टिकट न मिलने से आहत संजय डोभाल ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर बगावत कर दी और निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। संजय डोभाल के ऐलान ने यमुनोत्री विधानसभा की राजनीति में हलचल मचा दी जहां भाजपा डोभाल के इस कदम को अपने लिए फायदेमंद के तौर पर देख रही है वही पैराशूट प्रत्याशी दीपक बिजल्वाण की मुश्किलें बढ़ गई है। नाराज संजय डोभाल कांग्रेस पार्टी के संगठन से काफी पहले से जुड़े हैं और कई वर्षों से यमुनोत्री विधानसभा में कांग्रेस की स्थिति को मजबूत कर रहे थे जिस कारण संजय डोभाल की दावेदारी टिकट को लेकर कांग्रेस में मजबूत मानी जा रही थी और यमुनोत्री विधानसभा में कांग्रेस की स्थिति अच्छी मानी जा रही की तथा भाजपा की स्थिति कमजोर मानी जा रही थी। वहीं पूर्व में निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे दीपक बिजल्वाण ने कांग्रेस पार्टी में सेंध लगाकर टिकट झटक लेनेे से यमुनोत्री के सियासी समीकरण उलटफेर कर दिए। नाराज संजय डोभाल ने पार्टी हाईकमान पर टिकट वितरण में गंभीर आरोप लगाए हैं जहां डोभाल आहत हैं वही उनके समर्थकों में रोष व्याप्त है। यमुनोत्री सीट का पुराना इतिहास देखेंगे तो इस सीट पर भाजपा कांग्रेस को एक एक बार ही मौका मिला और दो बार यूकेडी से प्रीतम सिंह पंवार ने इस सीट पर विजय प्राप्त की। पवार को इस सीट पर निर्दलीय के तौर पर ही देखा जाता है। हालांकि अब प्रीतम सिंह पवार भाजपा में शामिल होकर धनोल्टी विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं।
अब इस सीट को राष्ट्रीय पार्टियां हथियाने में कामयाब रहती है या यह सीट निर्दलीय के खाते में ही जाती है यह देखने वाली बात होगी।
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