आंगनवाड़ी कार्यकत्री घिटिया मातली की पहल पर डॉ भंडारी ने विकलांगो का घर घर जा कर करवाया वैक्सिनेशन
उत्तरकाशी। कोरोना महामारी के दौर में जहां सरकार द्वारा वृहद स्तर पर वैक्सीनेशन का कार्यक्रम चलाया जा रहा है ताकि देश में जल्द से जल्द कोरोना को खत्म किया जा सके। स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न गांव में, कस्बों में वैक्सीनेशन शिविर लगाकर लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है वही आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां भी इस टीकाकरण अभियान को सफल बनाने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। इसकी एक बानगी आंगनवाड़ी केंद्र घिटिया मातली की कार्यकत्री सरिता नौटियाल के कार्य व्यवहार में देखने को मिली। इनके द्वारा अपने क्षेत्र के शत प्रतिशत विकलांग व्यक्ति प्रकाश नौटियाल जो लगभग 18 वर्षों से बिस्तरा पर ही अपना जीवन यापन करने को मजबूर है। चलने फिरने में असमर्थ होने के चलते इस विकलांग व्यक्ति का पूर्व में आयोजित शिविरों में वैक्सीनेशन का कार्य नहीं हो पाया। जिस पर इस आंगनवाड़ी कार्यकत्री ने वैक्सीनेशन शिविर में आई टीम को इस विकलांग के बारे में अवगत करवाया और विकलांग व्यक्ति का वैक्सीनेशन घर पर ही करने का व्यक्तिगत रूप से अनुरोध किया साथ ही हमारे संपादक मंडल से भी अपने स्तर से विकलांग व्यक्ति के वैक्सीनेशन हेतु स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों से इस संबंध में वार्ता करने की बात भी कही।
जिस पर संपादक मंडल ने जब दूरभाष से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डुंडा के चिकित्साधिकारी डॉ विजय भंडारी से इस संबंध में दूरभाष से बात की तो डॉक्टर भंडारी ने विकलांग के घर पर ही वैक्सीन लगवाने का आश्वासन दिया गया तथा बड़ी संजीदगी से त्वरित कार्यवाही करते हुए उन्होंने मातली शिविर की टीम को निर्देशित किया की इस विकलांग व्यक्ति का वैक्सीनेशन घर पर ही जाकर ही किया जाए। उच्चाधिकारी के आदेश का पालन करते हुए एएनएम सावित्री देवला द्वारा विकलांग प्रकाश के साथ साथ गांव के अन्य विकलांगों का भी वैक्सीनेशन उनके घर पर ही किया गया। घर में वैक्सीनेशन हो जाने पर विकलांग व्यक्तियों व उनके परिजनों ने डॉक्टर भंडारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ती सरिता नौटियाल व वैक्सीनेशन टीम की एएनम, आशा स्वास्थ्य कर्मियों का हार्दिक धन्यवाद दिया।
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