मनुष्य के हृदय में ही छिपा है शांति का रहष्य- शांतिवक्ता प्रेमरावत।
मनुष्य के हृदय में ही छिपा है शांति का रहष्य- शांतिवक्ता प्रेमरावत।
उत्तरकाशी। जिला मुख्यालय के जोशियाड़ा में राज विद्या केंद्र द्वारा एक माह से आयोजित प्रदर्शनी में अंतर्राष्ट्रीय शांतिवक्ता प्रेमरावत के मनुष्य के हृदय में ही छिपे सुख को प्राप्त करने के गुर के साथ साथ शांति का संदेश को दृश्य एवं श्रब्य संंसाधन के माध्यम से आम जनमानस को दे रहे है। प्रदर्शनी के अवलोकन करने भारी संख्या में लोग आ रहे है और लाभ प्राप्त कर रहे है।
जोशियाड़ा में राज विद्या केंद्र द्वारा एक माह से एक फोटो प्रदर्शनी लगाई गई है जिसमें मनुष्य के हृदय में छिपे सुख-शांति प्राप्त करने के तरीके दर्शाये गए है जिनको अवलोकन करने बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शनी में पहुँच रहे है और शांतिवक्ता प्रेमरावत के शांति संदेश को दृश्य और श्रव्य संसाधनों के माध्यम से देख और सुन रहे है।
अंतराष्ट्रीय शांतिवक्ता रावत विगत 54 वर्षों से देश मे ही नही अपितु विभिन्न देशों के समाज में मानवता, शांति और मानवीय मूल्यों को स्थापित करने के प्रयास में जुटे है। शांति और मानवीय मूल्यों को स्थापित करने का यह अभियान 100 से अधिक देशों के लोगो में सकारात्मक परिवर्तन ला रहा है। अंतराष्ट्रीय शांतिवक्ता प्रेम रावत ने विश्व के एक शतक से अधिक देशों में भारतीय संस्कृति को पहुचाया है और भारतीय आध्यात्मिक शक्तियों से परिचित करवाया है। भारत की संस्कृति की ओर विश्व का झुकाव भी बढ़ा है जिससे आध्यत्मिक क्षेत्र में भारत को विश्व में पहचान मिली है। कार्यक्रम की संयोजिका पुनीता बिष्ट और शैला भंडारी ने बताया की हमारा यह आयोजन एक माह से प्रतिदिन शाम को 2 घंटे चलता है और बड़ी संख्या में लोग आकर हमारे आयोजन का लाभ ले रहे है।
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